इसके अंतर्गत कई विधियों का इस्तेमाल किया जाता है।
लेजर फोटो कोएगुलेशन: इस विधि में लेजर की किरणों द्वारा आंख की नसों से रक्तस्राव को रोकने और असामान्य नसों को विकसित होने से रोकने के लिए रक्तवाहिनियों को सील कर दिया जाता है। लेजर उपचार द्वारा रक्तस्राव को रोक दिया जाता है, जिससे दृष्टि में सुधार या स्थिरता आती है। लेजर उपचार की आवश्यकता बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करती है ।
इंजेक्शन
आजकल कुछ दवाओं का आंख में इंजेक्शंस लगाया जाता है, जो डाइबिटिक रेटिनोपैथी में होने वाले परिवर्तनों को रोकने में सहायक हैं । इन इंजेक्शनों की जरूरत उन स्थितियों में होती है, जहां पर मैक्युला में सूजन ज्यादा होती है या फिर जहां लेजर उपचार के बाद भी रक्तस्राव होता है ।
ऑपरेशन
यदि रक्त भरने से पारदर्शी विट्रीअॅस जेली धुंधली हो जाती है या ट्रैक्शनल रेटिनल डिटेचमेंट हो जाता है, तो लेजर उपचार काम नहीं करता। ऐसी स्थिति में विट्रेक्टॅमी नामक ऑपरेशन की आवश्यकता होती है ।
निम्नलिखित वैकल्पिक चिकित्सा और उपचार मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी के इलाज या प्रबंधन में मदद करने के लिए जाने जाते हैं——