- सर्पगंधा वटी
- सर्पगंधाघन वटी
- उन्मादगज केसरी रस
- उन्मादगजअंकुश रस
- वातकुलान्तक रस
- योगेन्दर रस
- वृहत वातचिंतामणि रस
- स्मृतिसागर रस
- चतुर्भुज रस
- याकुती रस
- ब्रामीवटी
- अभ्रक भस्म
- मोती पिष्टी
- अश्व्गंधा चूर्ण
- खमीरा गज्बान
- कुशाग्र कैप्सूल
- कुशाग्र सिरप
सावधानी– परन्तु यह सभी मेडिसिन्सआयुर्वेदिक डॉक्टर की देख रेख में ही लेनी चाहिये |